ASHOK YADAV
कुरुक्षेत्र में मनाया गया 64वां वन महोत्सव, कैप्टन अजय यादव, मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने की शिरकत। चालू वर्ष में तीन करोड़ पौधे लगाए जाने का रखा गया है लक्ष्य, पर्यावरण से संबंधित प्रदर्शनी का भी हुआ उद्घाटन व वृक्षारोपण संबंधी अलख जगाने के लिए चार चेतना बसों को भी दिखाई गई हरी झंडी।
कुरुक्षेत्र के पिपली कस्बे में आज प्रदेश स्तरीय 64वां वन महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण, वन व विद्युत मंत्री कैप्टन अजय यादव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जबकि मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि समारोह में सांसद नवीन जिंदल व हरियाणा फोरेस्ट डेवेल्पमेंट कारेपारेशन लिमिटेड के चेयरमैन जावेद असलम भी शामिल हुए। इस अवसर पर पर्यावरण से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई तथा चार चेतना बसों को भी मुख्य अतिथि अजय यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
अपने संबोधन में कैप्टन अजय यादव ने कहा कि हम अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए वनों का कटाव कर रहे हैं, जिस कारण प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं और उत्तराखंड की आपदा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। शोध गवाह है कि उत्तराखंड में जहां जहां वन कटाव हुआ है वहां भारी बरसात हुई है। सावन का महीना है, लेकिन बरसात के कोई लक्षण नहीं है।
मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने कहा कि वनों के कटाव का मतलब विनाश कहा जा सकता है। प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और अंधाधुंध वनों के कटाव से मानो प्रकृति अपना बदला ले रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर्यावरण के लिए विशेश चितिंत हैं। यही कारण है कि उन्होंने वन विकास निगम बनाया है।
कुरुक्षेत्र में मनाया गया 64वां वन महोत्सव, कैप्टन अजय यादव, मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने की शिरकत। चालू वर्ष में तीन करोड़ पौधे लगाए जाने का रखा गया है लक्ष्य, पर्यावरण से संबंधित प्रदर्शनी का भी हुआ उद्घाटन व वृक्षारोपण संबंधी अलख जगाने के लिए चार चेतना बसों को भी दिखाई गई हरी झंडी।
कुरुक्षेत्र के पिपली कस्बे में आज प्रदेश स्तरीय 64वां वन महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण, वन व विद्युत मंत्री कैप्टन अजय यादव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जबकि मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि समारोह में सांसद नवीन जिंदल व हरियाणा फोरेस्ट डेवेल्पमेंट कारेपारेशन लिमिटेड के चेयरमैन जावेद असलम भी शामिल हुए। इस अवसर पर पर्यावरण से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई तथा चार चेतना बसों को भी मुख्य अतिथि अजय यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
अपने संबोधन में कैप्टन अजय यादव ने कहा कि हम अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए वनों का कटाव कर रहे हैं, जिस कारण प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं और उत्तराखंड की आपदा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। शोध गवाह है कि उत्तराखंड में जहां जहां वन कटाव हुआ है वहां भारी बरसात हुई है। सावन का महीना है, लेकिन बरसात के कोई लक्षण नहीं है।
मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने कहा कि वनों के कटाव का मतलब विनाश कहा जा सकता है। प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और अंधाधुंध वनों के कटाव से मानो प्रकृति अपना बदला ले रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर्यावरण के लिए विशेश चितिंत हैं। यही कारण है कि उन्होंने वन विकास निगम बनाया है।
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