शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2013

ASHOK YADAV 
चण्डीगढ़, ४ अक्तूबर- अपनी विलक्षण प्रतिभा से देश को रोमांचित करने वाले नन्हें च्गूगल ब्वायज् कौटिल्य पंडित को उच्च कोटि की बेहतरीन शिक्षा मुहैया करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने सहयोग की पेशकश की है।
          आज यहां आयोजित च्बाल प्रतिभा सम्मान समारोहज् में मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने नन्हें कौटिल्य पंडित को दस लाख रुपये के पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। कौटिल्य को प्रदान की गई पुरस्कार राशि च्सावधि जमाज् के रूप में प्रदान की गई। इस अवसर पर कौटिल्य के दादा श्री जयकिशन शर्मा, दादी श्रीमती विद्यावती, पिता श्री सतीश शर्मा तथा माता श्रीमती सुमिता शर्मा के अलावा परिवार के कई अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
          श्री हुड्डा ने कहा कि कौटिल्य प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की भांति अद्भूत प्रतिभा का धनी है। यह प्रदेश के लिए बड़े गौरव की बात है कि छोटी सी उम्र में बच्चे को ऐसी बुद्धि प्राप्त हुई है, जिसने सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कौटिल्य अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए जिस भी शिक्षण संस्थान का भी चयन करेगा, राज्य सरकार मदद करेगी।
          मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री चाणक्य को भी कौटिल्य के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने अपनी बद्धि तथा राजनैतिक कुशलता से विशाल मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। इस प्रकार, अपनी तीक्षण बुद्धि से नन्हें कौटिल्य ने भी अपने नाम को चरित्रार्थ किया है।
          उन्होंने बच्चे की दीर्घायु तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशा जताई कि आइंस्टीन की भांति कौटिल्य भी बड़ा होकर अपनी प्रतिभा से प्रदेश और देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेगा और इसका नाम इतिहास में लिखा जायेगा।
          कौटिल्य पंडित हरियाणा के जिला करनाल के कोहंड का रहने वाला है लेकिन उसका पैतृक गांव खरहर जिला झज्जर में है।
          समारोह में उपस्थित हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप शर्मा ने कौटिल्य की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि कौटिल्य रिश्ते में उनका पोता लगता है और उन्हें बेहद खुशी है कि उसने इतनी छोटी उम्र में अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने कौटिल्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
          कौटिल्य के दादा श्री जयकिशन शर्मा ने बताया कि कौटिल्य की आयु महज पांच साल आठ महीने है और उसे विश्व के सभी देशों की भौगोलिक सीमाएं, क्षेत्रफल व तमाम जानकारियां जुबानी याद है। उन्होंने कहा कि कौटिल्य की प्रतिभा कोई अद्भूत नहीं है। ऐसी प्रतिभाएं देश में भी भरी पड़ी है। जरूरत है तो केवल बच्चों की जिज्ञासाएं दूर करने की तथा ऐसी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की। उन्होंने कहा कि कौटिल्य को हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने और जानने की इच्छा रहती है। वह तब तक किसी बात से संतुष्ट नहीं होता, जब तक उसे पूरी तरह जान नहीं लेता।
          कौटिल्य के पिता श्री सतीश शर्मा ने कहा कि कौटिल्य मुश्किल से दिन में दो या अढाई घण्टे पढ़ता है और उसका बाकी का ज्ञान दूसरों से पूछकर अर्जित जानकारी पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि वह जिससे भी मिलता है, कुछ न कुछ नया जरूर सीखने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि बच्चे पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं है।
          इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, विधायक श्री बीबी बतरा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ के के खण्डेलवाल, प्रधान ओएसडी श्री एम एस चोपड़ा, सूचना, जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के महानिदेशक श्री सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मीडिया सलाहकार श्री सुनील परती के अलावा कौटिल्य के परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।



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चंडीगढ़, ४ अक्तुबर- हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने कहा कि  सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति सवेंदनशील होते हुए आमजन की शिकायतों को गांव व खंड स्तर पर ही निपटाना चाहिए। इससे सरकार व प्रशासन में लोगों का विश्वास और प्रगाढ होगा।
          श्री सिंह आज सिरसा में जिला अधिकारियों, पंचायती राज संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, स्वायत संस्थाओं प्रतिनिधियों को लोकायुक्त एक्ट के बारे में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए चरित्र निर्माण की जरूरत है। सरकार को चाहिए कि वे चरित्र निर्माण विभाग की स्थापना करें, जिससे लोगों के विचारों में बदलाव लाया जा सके। शिक्षा में संस्कारों को जोड़ने पर भी विचार करना चाहिए। इसके लिए शिक्षा प्रणाली पर अधिक से अधिक बजट खर्च करने की आवश्यकता है।
          उन्होंने कहा कि प्रदेश में गत दो वर्ष के दौरान लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार व अन्य प्रकार के १३०० मामलों की जांच पूरी कर सरकार को कार्यवाही के लिए सिफारिश की गई जबकि कुल २३०० शिकायतें प्राप्त हुई है। लोकायुक्त की सिफारिश पर भ्रष्ट अधिकारियों को नौकरी से बरखास्त करने तथा अनुशासनहीनता और अपराधिक  मामलें भी दर्ज किए गए है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त की वेबसाईट भी तैयार की गई है कोई भी व्यक्ति 222.द्धह्म्द्यशद्मड्ड4ह्वद्मह्लड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ पर किसी भी शिकायत की स्थिति का पता कर सकता है।
          उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति लोकायुक्त के समक्ष भ्रष्टाचार व अन्य मामलों से सम्बंधित शपथ पत्र के रूप में शिकायत भेज सकता है इसके लिए शपथ-पत्र के साथ एक हजार रूपए की ज्युडीशियल स्टैम्प लगाना जरूरी है यदि कोई व्यक्ति फीस अदा करने की स्थिति में नही है तो वह साधारण शपथ पत्र के साथ साधारण आवेदन भी भेज सकता है। लोकायुक्त द्वारा स्वतंत्र एजेंसी से मामले की जांच करवाई जाती है और शिकायतकर्ता का नाम भी गुप्त रखा जाता है।
          उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का कार्य जो व्यक्ति के अधिकारक्षेत्र में आता है, उसे करवाने के लिए धन की मांग करना या धन लेना ही भ्रष्टाचार नहीं है बल्कि लोकायुक्त एक्ट की धारा १३.८ के तहत धन लेने की कोशिश करना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि जो भी कर्मचारी सरकारी खजाने से तनख्वाह वसूल करता है वे सभी पब्लिक सर्वेंट की श्रेणी में आते है इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार से सम्बंधित शिकायत लोकायुक्त के पास की जा सकती है। इसके साथ-साथ चुनी हुई संस्थाओं के प्रतिनिधि भी पब्लिक सर्वेंट के दायरे में आते है।


 
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चण्डीगढ़, 4 अक्तूबर- हरियाणा को कार्य निष्पादन फ्रेमवर्क दस्तावेज के सर्वश्रेष्ठ सार-संग्रह के लिए पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार कार्य निष्पादन प्रबन्धन प्रभाग (पीएमडी), कैबिनेट सचिवालय, भारत सरकार द्वारा दिया गया है।
कार्य निष्पादन प्रबन्धन प्रभाग ने विभिन्न वर्गों में पुरस्कार के लिए हरियाणा सहित सात राज्यों को चुना है। अन्य राज्य हैं - केरल, असम, ज मू-कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और हिमाचल प्रदेश। हरियाणा को कार्य निष्पादन फे्रमवर्क के दस्तावेज (आरएफडी) में स्पष्टता, गुणवत्ता और श्रेष्ठ प्रस्तुति के लिए पुरस्कार दिया गया है। यह दस्तावेज 2012-13 के दौरान हरियाणा सरकार के 39 विभागों के कार्य निष्पादन की उपलब्धियों का महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
ये पुरस्कार आज नई दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी के अवसर पर दिये गये, जिसका आयोजन पीएमडी द्वारा किया गया। हरियाणा सरकार की ओर से योजना विभाग के संयुक्त सचिव डा. आर.एस. मलहन ने डा. प्रजापति त्रिवेदी, सचिव, कार्य निष्पादन प्रबन्धन से पुरस्कार प्राप्त किया।
पुरस्कार देते हुए डा. त्रिवेदी ने 39 विभागों के कार्य निष्पादन फे्रमवर्क दस्तावेज (आरएफडी) का सार-संग्रह स्पष्ट और सुन्दर रूप में तैयार करने के लिए हरियाणा सरकार की सराहना की। उन्होंने हरियाणा के मु य सचिव श्री पी.के. चौधरी द्वारा आरएफडी तैयार कराने में ली गई दिलचस्पी की भी प्रशंसा की। श्री चौधरी जिस समय भारत सरकार में थे, वे आरएफडी कार्य से जुड़े हुए थे।
हरियाणा सरकार ने भारत सरकार के पीएमडी के नमूने पर हरियाणा में कार्य निष्पादन प्रबन्धन प्रकोष्ठ (पीएमसी) स्थापित किया है। पीएमसी अब 2013-14 के लिए आरएफडी तैयार कर रहा है।
कार्य निष्पादन प्रबन्धन प्रभाग (पीएमडी) की स्थापना विभिन्न विभागों के लक्ष्यों की तुलना में उपलब्धियों का जायजा लेने के लिए कैबिनेट सचिवालय, भारत सरकार में की गई थी। इस नमूने को अब 17 राज्यों द्वारा अपना लिया गया है।
संगोष्ठी को आईआईएम, अहमदाबाद के पूर्व निदेशक प्रोफेसर प्रदीप एन. खांडवाला और अमेरिका में वरिष्ठ प्रशासनिक सेवा की हाल तक सदस्य रह चुकीं डा. कैथलीन ए. पेरोफ ने स बोधित किया।


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चंडीगढ, ४ अक्तूबर- हरियाणा की शिक्षामंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने आज कहा कि १९८३ शारीरिक शिक्षकों का भर्ती रद्द करने के मामले में सरकार कानून राय लेगी।
           श्रीमती भुक्कल आज पंचकूला में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों की बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करने उपरान्त पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।
          जब उनसे अनाधिकृत तरीके से चलाए जा रहे प्राईवेट स्कूलों के सम्बन्ध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इन स्कूलों को दिए गए कारण बताओ नोटिस पर ये न्यायलय की शरण में गए और न्यायलय ने उन्हें राहत दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बन्ध में जवाब दायर करेगी।
श्रीमती भुक्कल ने कल से शुरू हो रहे नवरात्रों की शुभकामनाएं दी।

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चंडीगढ, ४ अक्तूबर-हरियाणा की औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों से कहा कि वे अधिक से अधिक दक्ष कार्यबल सृजित करे ताकि वर्ष २०२२ तक  देश को १६.७५ लाख दक्ष कार्यबल उपलब्ध करवाने के हरियाणा के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
          श्रीमती भुक्कल आज पंचकूला में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों की बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष २०२२ तक ५०० मीलियन प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और हरियाणा के लिए यह १६.७५ लाख का है, जिसमें से १.५ लाख आईटीआईज का है। आप लोगों को इस पर जिम्मेदारी से कार्य करना आरम्भ करना चाहिए।
          श्रीमती भुक्कल ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए नियमित रोजगार मेलों का आयोजन करना चाहिए और उद्योगों का अधिक से अधिक सहयोग सुनिश्चित करना चाहिए। अच्छा परिणाम प्राप्त करने वाले आईटीआईज के प्राचार्योंं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्तीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
          बैठक में  विभाग के निर्देश श्री आर सी वर्मा ने श्रीमती भुक्कल को अवगत करवाया कि वर्ष २०१३ में आईटीआईज में सीटों की संख्या ५६ हजार रही तथा २०१७ में यह ८० हजार तथा २०२२ तक यह १.२० लाख पहुंचने का अनुमान है।


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चण्डीगढ़, ४ अक्तूबर- हरियाणा के दो जिलों के लिए ६ ग्रामीण सडक परियोजनाओं हेतु नाबार्ड द्वारा ग्रामीण मूलभूत विकास निधि (आईआईडीएफ) २०१३-१४ के तहत ६४.१६ करोड रुपए की राशि का ऋण स्वीकृत किया है।
          इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कैथल एवं झज्जर जिलों में ३७.१८ किलोमीटर लंबी ग्रामीण सडकों का सुदृढ़ीकरण के लिए ६४.१६ करोड रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इन सड़कों के निर्माण से सभी मौसमों के दौरान दूर-दराज के गावों, मार्केटिंग केन्द्रों, कृषि मंडियों, शिक्षण एवं जनस्वास्थ्य संस्थानों में संपर्क में सुधार होगा। इन परियोजना के क्रियान्वयन से गैर आवर्ती कर्मचारियों के लगभग ४.९७ लाख कार्यदिवस सृजित होने की संभावना है।
          प्रवक्ता ने बताया कि इस वर्ष के दौरान नाबार्ड द्वारा ग्रामीण सड़कों, पुलों, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति इत्यादि की लगभग ३०२.८१ करोड़ रुपये की ४१ परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक ८६.९४ करोड़ रुपये का वितरण हुआ है। इस स्वीकृति के उपरांत आरआईडीएफ सहायता में हरियाणा को १९९५-९६ से अब तक ४०७३.३३ करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में २६८८.७० करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।


 
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चण्डीगढ़, ४ अक्तूबर- अपनी विलक्षण प्रतिभा से देश को रोमांचित करने वाले नन्हें च्गूगल ब्वायज् कौटिल्य पंडित को उच्च कोटि की बेहतरीन शिक्षा मुहैया करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने सहयोग की पेशकश की है।
          आज यहां आयोजित च्बाल प्रतिभा सम्मान समारोहज् में मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने नन्हें कौटिल्य पंडित को दस लाख रुपये के पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। कौटिल्य को प्रदान की गई पुरस्कार राशि च्सावधि जमाज् के रूप में प्रदान की गई। इस अवसर पर कौटिल्य के दादा श्री जयकिशन शर्मा, दादी श्रीमती विद्यावती, पिता श्री सतीश शर्मा तथा माता श्रीमती सुमिता शर्मा के अलावा परिवार के कई अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
          श्री हुड्डा ने कहा कि कौटिल्य प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की भांति अद्भूत प्रतिभा का धनी है। यह प्रदेश के लिए बड़े गौरव की बात है कि छोटी सी उम्र में बच्चे को ऐसी बुद्धि प्राप्त हुई है, जिसने सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कौटिल्य अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए जिस भी शिक्षण संस्थान का भी चयन करेगा, राज्य सरकार मदद करेगी।
          मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री चाणक्य को भी कौटिल्य के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने अपनी बद्धि तथा राजनैतिक कुशलता से विशाल मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। इस प्रकार, अपनी तीक्षण बुद्धि से नन्हें कौटिल्य ने भी अपने नाम को चरित्रार्थ किया है।
          उन्होंने बच्चे की दीर्घायु तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशा जताई कि आइंस्टीन की भांति कौटिल्य भी बड़ा होकर अपनी प्रतिभा से प्रदेश और देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेगा और इसका नाम इतिहास में लिखा जायेगा।
          कौटिल्य पंडित हरियाणा के जिला करनाल के कोहंड का रहने वाला है लेकिन उसका पैतृक गांव खरहर जिला झज्जर में है।
          समारोह में उपस्थित हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप शर्मा ने कौटिल्य की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि कौटिल्य रिश्ते में उनका पोता लगता है और उन्हें बेहद खुशी है कि उसने इतनी छोटी उम्र में अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने कौटिल्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
          कौटिल्य के दादा श्री जयकिशन शर्मा ने बताया कि कौटिल्य की आयु महज पांच साल आठ महीने है और उसे विश्व के सभी देशों की भौगोलिक सीमाएं, क्षेत्रफल व तमाम जानकारियां जुबानी याद है। उन्होंने कहा कि कौटिल्य की प्रतिभा कोई अद्भूत नहीं है। ऐसी प्रतिभाएं देश में भी भरी पड़ी है। जरूरत है तो केवल बच्चों की जिज्ञासाएं दूर करने की तथा ऐसी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की। उन्होंने कहा कि कौटिल्य को हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने और जानने की इच्छा रहती है। वह तब तक किसी बात से संतुष्ट नहीं होता, जब तक उसे पूरी तरह जान नहीं लेता।
          कौटिल्य के पिता श्री सतीश शर्मा ने कहा कि कौटिल्य मुश्किल से दिन में दो या अढाई घण्टे पढ़ता है और उसका बाकी का ज्ञान दूसरों से पूछकर अर्जित जानकारी पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि वह जिससे भी मिलता है, कुछ न कुछ नया जरूर सीखने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि बच्चे पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं है।
          इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, विधायक श्री बीबी बतरा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ के के खण्डेलवाल, प्रधान ओएसडी श्री एम एस चोपड़ा, सूचना, जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के महानिदेशक श्री सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मीडिया सलाहकार श्री सुनील परती के अलावा कौटिल्य के परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे।



ASHOK YADAV 
चंडीगढ़, ४ अक्तुबर- हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने कहा कि  सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति सवेंदनशील होते हुए आमजन की शिकायतों को गांव व खंड स्तर पर ही निपटाना चाहिए। इससे सरकार व प्रशासन में लोगों का विश्वास और प्रगाढ होगा।
          श्री सिंह आज सिरसा में जिला अधिकारियों, पंचायती राज संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, स्वायत संस्थाओं प्रतिनिधियों को लोकायुक्त एक्ट के बारे में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए चरित्र निर्माण की जरूरत है। सरकार को चाहिए कि वे चरित्र निर्माण विभाग की स्थापना करें, जिससे लोगों के विचारों में बदलाव लाया जा सके। शिक्षा में संस्कारों को जोड़ने पर भी विचार करना चाहिए। इसके लिए शिक्षा प्रणाली पर अधिक से अधिक बजट खर्च करने की आवश्यकता है।
          उन्होंने कहा कि प्रदेश में गत दो वर्ष के दौरान लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार व अन्य प्रकार के १३०० मामलों की जांच पूरी कर सरकार को कार्यवाही के लिए सिफारिश की गई जबकि कुल २३०० शिकायतें प्राप्त हुई है। लोकायुक्त की सिफारिश पर भ्रष्ट अधिकारियों को नौकरी से बरखास्त करने तथा अनुशासनहीनता और अपराधिक  मामलें भी दर्ज किए गए है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त की वेबसाईट भी तैयार की गई है कोई भी व्यक्ति 222.द्धह्म्द्यशद्मड्ड4ह्वद्मह्लड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ पर किसी भी शिकायत की स्थिति का पता कर सकता है।
          उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति लोकायुक्त के समक्ष भ्रष्टाचार व अन्य मामलों से सम्बंधित शपथ पत्र के रूप में शिकायत भेज सकता है इसके लिए शपथ-पत्र के साथ एक हजार रूपए की ज्युडीशियल स्टैम्प लगाना जरूरी है यदि कोई व्यक्ति फीस अदा करने की स्थिति में नही है तो वह साधारण शपथ पत्र के साथ साधारण आवेदन भी भेज सकता है। लोकायुक्त द्वारा स्वतंत्र एजेंसी से मामले की जांच करवाई जाती है और शिकायतकर्ता का नाम भी गुप्त रखा जाता है।
          उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का कार्य जो व्यक्ति के अधिकारक्षेत्र में आता है, उसे करवाने के लिए धन की मांग करना या धन लेना ही भ्रष्टाचार नहीं है बल्कि लोकायुक्त एक्ट की धारा १३.८ के तहत धन लेने की कोशिश करना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि जो भी कर्मचारी सरकारी खजाने से तनख्वाह वसूल करता है वे सभी पब्लिक सर्वेंट की श्रेणी में आते है इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार से सम्बंधित शिकायत लोकायुक्त के पास की जा सकती है। इसके साथ-साथ चुनी हुई संस्थाओं के प्रतिनिधि भी पब्लिक सर्वेंट के दायरे में आते है।




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