शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

देश के सैनिक सीमाओं पर हमारी रक्षा करते हैं। उनके परिवारों की रक्षा करना व उनका मान-स मान करना हम सबकी सामूहिक जि मेवारी है --मंदीप सिंह बराड़ उपायुक्त


ASHOK YADAV

कुरुक्षेत्र 16 दिस बर -       जिला सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष एवं उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि वीर शहीदों के सेवा समर्पण और त्याग की भावना के कारण ही आज देश मजबूत और एकजुट होकर हर चुनौती का डटकर मुकाबला कर रहा है। ऐसे वीर शहीदों की कुर्बानी और बलिदान से हमेशा युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
                   श्री मंदीप सिंह बराड़ आज स्थानीय जिमखाना क्लब में जिला सैनिक बोर्ड द्वारा भारतीय सशस्त्र सेनाओं के स मान में आयोजित विजय दिवस समारोह में युद्ध विधवाओं व भूतपूर्व सैनिकों को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह का आयोजन 1971 में भारत-पाक युद्ध में मारे गए शहीदों की याद में किया गया। उपायुक्त ने कहा कि आज देश को बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा व मजबूती की ाी जरूरत है। रक्षा सेनाओं के साथ-साथ देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह एकजुट होकर देश की रक्षा व एकता के लिए काम करे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के सैनिक सीमाओं पर हमारी रक्षा करते हैं। उनके परिवारों की रक्षा करना व उनका मान-स मान करना हम सबकी सामूहिक जि मेवारी है।
                   उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के उन वीर सैनिकों पर गर्व है, जो बिना कुछ सोचे-समझे देश की रक्षा के लिए जंग के मैदान में कूद जाते हैं। उन्होंने कहा कि सन् 1971 की विजय से पूरे विश्व ने भारतीय सेना की वीरता का लोहा माना था। यह एक ऐतिहासिक विजय थी, जिसमें बड़ी सं या में विरोधी सेना ने बिना शर्त अपने हथियार डालकर समर्पण किया था। उन्होंने कहा कि हमें उन वीर शहीदों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देना है। देशहित मेें यह लड़ाई कई मुद्दों पर थी, जिसकी रक्षा के लिए हम हरसमय तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें देश की बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा भी करनी है। भारत देश को मजबूत राष्ट्र त ाी बनाया जा सकता है, जब हम जाति, धर्म व क्षेत्र की लड़ाई बंद कर राष्ट्रीय भावना से देश के उत्थान के लिए कार्य करें। उपायुक्त ने शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए लोगों से अनुरोध किया कि देश की एकता के लिए हमेशा एकजुट होकर कार्य करें।
                   जिला सैनिक बोर्ड के उपाध्यक्ष कर्नल गरिन्द्र सिंह ने 1971 की लड़ाई के अपने संस्मरण सांझा करते हुए कहा कि इस जीत से पूरे विश्व ने ाारत की ताकत का लोहा माना था। ाारत शांति के साथ समस्या का हल चाहता था, परंतु पाकिस्तानी सेना ने हवाई हमला कर युद्ध की शुरुआत की थी। भारतीय सेनाओं के वीर सैनिकों ने पूरी ताकत व हौसले के साथ लड़ाई लड़ी तथा ढाका को चारों तरफ से नाकाबंदी कर घेर लिया और विरोधी सेना को हथियार डालने पर मजबूर कर दिया था। आज ही के दिन पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने ढाका में 93 हजार सैनिकों के साथ ाारत के लै िटनेंट जनरल जगजीत सिंह के सामने हथियार डाले थे। आज तक विश्व के इतिहास में इतनी बड़ी सं या में हथियार डालना एक रिकार्ड है। भारत के इस युद्ध की बदौलत ही बांग्ला देश आजाद राष्ट्र बना। जिला सैनिक बोर्ड के सचिव मेजर बलविन्द्र सिंह ने कहा कि सैनिकों व शहीदों के परिवारों की हर संभव सहायता करना हमारा फर्ज है। मौत जीवन का एक अ िान्न अंग है, परंतु देश की रक्षा में शहीद होना बड़े गौरव की बात है और यह मौका किसी-किसी सैनिक को ही मिल पाता है। शहीदों के परिजन किसी ाी मौके पर निराश न हों। सैनिक बोर्ड व जिला प्रशासन उनकी हरसंभव मदद को हमेशा तैयार है। इससे पूर्व उपायुक्त श्री मंदीप सिंह बराड़, नगराधीश अशोक बंसल, जिला सैनिक बोर्ड के उपाध्यक्ष कर्नल गुरिंद्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक भूपेंद्र सिंह, जिला सैनिक बोर्ड के सचिव मेजर बलविन्द्र सिंह, सेना से सेवानिवृत अधिकारी तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस की सलामी गार्ड ने शस्त्र उल्टे कर शहीदों को सलामी दी तथा बिगुल के संकेत पर शहीदों के स मान में दो मिनट का मौन धारण किया गया।
                   जिन युद्ध विधवाओं तथा शहीदों की माताओं को एक-एक हजार रुपए की राशि से स मानित किया गया, उनमें गांव निवारसी के सैनिक जगतार सिंह की पत्नी श्रीमती कुलदीप कौर, सोंटी जयनारायण की पत्नी पुष्पा देवी, गोबिन्दगढ़ के देशराज की पत्नी श्रीमती सुन्दरी देवी, बोडला के सुरेश कुमार की पत्नी श्रीमती ममता देवी, कत्लाहेड़ी के विक्रम सिंह की माता कमला देवी, शरीफगढ़ के अंग्रेज सिंह की पत्नी लखविंद्र कौर, हबाना के जगदीश की पत्नी ऊषा रानी, कनीपलां के सेवा सिंह की पत्नी हरभजन कौर, मथाना के बलवंत सिंह की पत्नी सुरजीत कौर अजराना कलां के रामेश्वर की पत्नी कृष्णा देवी, कलसा प्लाट के सुरजीत सिंह की पत्नी सतपाल कौर, धीरपुर के इंद्रपाल सिंह की माता गुरमीत कौर, बारना के सुरेंद्र सिंह की माता धन्नी देवी, जलबेड़ी के कृष्ण लाल के पिता चुडिय़ा राम, गंभीरखेड़ी के सुखदेव सिंह की पत्नी दलजीत कौर, हसनपुर के लखविंद्र सिंह की पत्नी सुखविंद्र कौर, मोहनपुर के सुरेंद्र सिंह की पत्नी हरदीप कौर, हंसाला के परमजीत की पत्नी दलजीत कौर, मिरन फार्म के ओमप्रकाश की पत्नी सत्या देवी, इस्माईलाबाद के बलबीर सिंह के पिता हुकम सिंह, कौलापुर के संजीव कुमार की माता पार्वती देवी, तलहेड़ी के जसविंद्र सिंह की पत्नी सिमरनजीत कौर, प्लाट न. 4 बाखली के निशान सिंह की पत्नी मंजीत कौर, दाऊमाजरा के जसवीर सिंह की पत्नी बलजीत कौर तथा भौर चनालहेड़ी के श्यामलाल की माता सुरक्षा देवी शामिल हैं।
                   इस अवसर पर जिला सैनिक बोर्ड के उपाध्यक्ष कर्नल गुरिंद्र सिंह, थानेसर के एसडीएम सतबीर सिंह कुुंडु, सेवानिवृत कर्नल केडीपी सिंह, पीपी शर्मा, सोढी, शहीद मेजर नीतिन बाली की माता आदर्श बाली व जिला सूचना एवं जन स पर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल तथा शहीदों की विधवाएं व माता-पिता उपस्थित थे।


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