गुरुवार, 10 नवंबर 2011

कुरुक्षेत्र की अनाज मण्डी मे पडा सरकारी खरीद कम्पनी कन्फेड का हजारों क्विटल गेंहू लापरवाही के चलते सढ़ गया है,

Ashok Yadav Kurukshetra
कुरुक्षेत्र की अनाज मण्डी मे पडा सरकारी खरीद कम्पनी कन्फेड  का हजारों क्विटल गेंहू लापरवाही के चलते सढ़ गया है, अप्रैल 2009  को कुरुक्षेत्र की अनाज मण्डी मे करीब 3 लाख क्विटल गेंहू जो की बोरियों मे था खरीद के बाद न उठ पाने के कारण बुरी तरह भीग गया था चुकी सरकार ये गेंहू खरीद चुकी थी लिहाजा गेंहू को स्टोर कर दिया गया  ओर उसमे से ज्यादातर गेंहू तो भारतीय खाद्य निगम ने उठा लिया लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी भारतीय खाद्य निगम को इस गेंहू के भण्डार की याद नहीं आई ओर पहले से भीगा गेंहू अब बुरी तरह से सढ़ चुका है अब हालात ये है की ४९ हजार २६० क्विटल गेंहू खुले मे सड रहा है लेकिन उसे पशु भी नहीं खाते अधिकारी भी इस गेंहू मे से से २० प्रतिशत गेंहू को बिल्कुल खराब मान रहे हैं

 
कुरुक्षेत्र की अनाज मण्डी मे पडा करीब  50 हजार क्विन्टल गेंहू अधिकारियों की लापरवाही ओर अनाज की सुरक्षा के खोखले दावों की पोल खोल रहा है हरियाणा सरकार के खरीद एजेन्सी कन्फेड को इस गेंहू से करोड़ों का नुक्सान हो गया ओर भारतीय खाद्य निगम ओर जिला खाद्य आपूर्ति नियन्त्रक को चिन्ता ही नहीं पहले 2011 की गेंहू को उठवा दिया  गया ओर 2009 का स्टोक किया गेंहू सड़ता रहा  अधिकारी कुछ भी नहीं कर पाए ओर करोड़ों की गेंहू राख बन गई कन्फेड के अधिकारी पूरे मम्ले मे जिला खाद्य आपूर्ति नियन्त्रक ओर भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों पर दोष लगा रहे हैं
 हजार बेग गेंहू खराब होने की बात तो अधिकारी खुद मान रहे है जबकी असल आँकडा इस से कहीं ज्यादा है अधिकारी गेंहू को साफ कर के दोबारा प्रयोग योग्य बनाने का दावा कर रहे हैं लेकिन पिछ्ले ३ सलोन से बोरों मे बन्द भीगे गेंहू मे क्या बचा होगा अन्दाज लगाना  बिल्कुल आसान है,अधिकारी अपनी जम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आये, जब हमने कन्फ़ेड से बात चीत की तो उन्होंने कहा की यह जिम्मेदारी खाद्यापुर्ती विभाग व् भारतीय खाद्य निगम की है लेकिन जब उनसे बात की गई तो उन्होंने सीधा ही कहा की जिस एजेंसी की गेंहू है उसीका दायित्व बनता है, 

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