मंगलवार, 22 नवंबर 2011

खींचतान के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी शिक्षक संद्य कुटा का धरना समाप्त विश्वविद्यालय को शिक्षकों की मांग के आगे झुकना ही पड़ा

 अशोक यादव कुरुक्षेत्र 23 नवम्बर
आखिकार 7 दिन तक चली खींचतान के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी शिक्षक संद्य कुटा का धरना समाप्त हो गया । आखिरकार विश्वविद्यालय को शिक्षकों की मांग के आगे झुकना ही पड़ा। इस दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कई प्रकार की परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है क्या हड़ताल में शामिल शिक्षक विद्यार्थियों की इस भरपाई को पूरा कर पाएंगे। यह कोई भी बताने के लिए तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संद्य के कड़े रुख को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने शनिवार को एक शर्त भी मान ली थी। शर्तों के मुताबिक कुलपति ने अपने कार्यालय के ओएसडी एसपी बत्रा का तबादला परीक्षा शाखा में कर दिया था बत्रा के साथ 12 अधिकारियों के तबादले के आदेश भी जारी किए गए थे। उनके तबादले को लेकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संद्य अपनी बड़ी जीत भी मान रहा है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए कई शिक्षकों ने अपने अतिरिक्त पद से इस्तीफे भी दिए मरग विश्वविद्यालय के कुलपति ने मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता आयोजित करके सबको चौकाया दिया कि उनकी टेबल पर किसी भी शिक्षक का इस्तीफा नहीं पहुंचा है। 
विश्वविद्यालय के अध्यापकों के लिए छटे वेतन आयोग के दिशा निर्देश लागू करने एवं कूटा की मांगों के बारे में विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए निर्णयों में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद द्वारा अध्यापकों के लिए छटे वेतन आयोग के दिशानिर्देशों को पास कर दिया गया है।  इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत एम.फिल, पीएच.डी. वेतनवृद्धि, स्टेज वन एजीपी 6000 से स्टेज टू एजीपी 7000 से स्टेज 3 एजीपी 8000 एवं इन स्टेजों पर अग्रिम वेतनवृद्धि, सभी रीडर एव सलैक्श्न गे्रड लैक्चरर को एसोसिएट प्रोफेसर का पद देना, एवं एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर सीएएस के अन्तर्गत पदोन्नति देने की मांग पर छटे वेतन आयोग के अनुसार पहले से ही कार्यवाही की जा रही है। जिन केसों पर कार्यवाही चल रही है, कूटा प्रतिनिधियों से विचार करने के पश्चात विश्वविद्यालय द्वारा 10 प्रतिशत सीनियर प्रोफेसरस को 12000 के एजीपी की मांग भी मान ली गई है, 1 जनवरी 2009 के पश्चात लगे अध्यापकों के प्रोबेशन पीरियड को एक साल कर दिया गया है, प्रोबेशन पीरियड एवं कन्फरमेशन समय समय पर जारी राज्य सरकार के नियमों के अनुसार ही केवल नियुक्ति के समय ही लागू होते हैं ,  प्राध्यापकों को पिछली सर्विस का लाभ देने की मांग पर भी यूजीसी नियमों के अनुसार लागू कर दी गई है और कार्यवाही की जा रही है, एसिसटेंट प्रोफेसर के पदों को विज्ञापित किया जा चुका है और इनकी चयन प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है , पुरानी गाइड लाईन के अनुसार जिन रीडर को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया जाना है, उनके इन्टरव्यू   दिसम्बर,जनवरी माह में किए जाएगें , नई गाइड लाइन के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति का कार्य दो सप्ताह के भीतर प्रारम्भ कर दिया जाएगा, कुलपति द्वारा स्थापना शाखा को निर्देश दिए गए हैं कि सभी पदोन्नति, अग्रिम वेतनवृद्धि एवं पिछली सर्विस का लाभ देने बारे में एक-एक केस तैयार किया जाए तथा कूटा के प्रतिनिधियों विचार करनेके पश्चात उनकी संतुष्टि के पश्चात सभी केस तैयार करके लागू कर दिए जायेगें, यूनिवर्सिटी कालेज, यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजूकेशन एवं दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों को पीएच.डी करवाने हेतू पांच वर्ष का पोस्ट गे्रजूएट टीचिंग के अनुभव में छूट दिए जाने बारे  एक मीटिंग भी आयोजित की गई, कूटा की मांग पर यूनिवर्सिटी कालेज में चल रहे पंचवर्षीय इंटग्रेटिड कोर्स में बोर्ड आफ स्टडीज स्थापित करने बारे भी एक कमेटी गठित की गई है तुरन्त प्रभाव से इन कोर्सो के दो-दो अध्यापकों को विभागों की बोर्ड आफ स्टडीज में मनोनीत किया गया है, यूनिवर्सिटी कालेज, यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजूकेशन एवं दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों को विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में स्थान देने बारे विश्वविद्यालय की सोच सकारात्मक है और इसके लिए भी एक कमेटी तुरन्त प्रभाव से गठित कर दी गई है, सैल्फ फाइनेंस स्कीम के अन्तर्गत लगे अध्यापकों को छटे वेतन आयोग के अनुसार वेतन मान के लाभ एवं पदोन्नति देने के बारे में एक कमेटी गठित की गई है जिसमें कूटा एवं सैल्फ फाइनेंस अध्यापकों के प्रतिनिधियों को रखा गया है। इस कमेटी की पहली मीटिंग भी हो चुकी है, सीनियर स्केल एवं सलैक्श्न स्केल के समय एक वेतन वृद्धि देने बारे कूटा प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने उपरान्त भूगोल विभाग में कार्यरत रीडर डा. श्रीमती राजेशवरी, के केस को आडिट में प्रस्तुत किया गया जो कि आडिट द्वारा मान लिया गया है, उसी की तर्ज पर बाकी केस भी तैयार किए जा रहे हैं, विश्वविद्यालय में अध्यापकों के लिए पांच दिवसीय सप्ताह लागू करने के बारे में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक मीटिंग आगामी 28 नवम्बर को रखी गई है। यूनिवर्सिटी कालेज, यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजूकेशन एवं दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों को एसिसटेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति पहले ही दी जा चुकी है। यूनिवर्सिटी कालेज में प्रोफेसर का पद एवं उसे विभाग का दर्जा दिए जाने के बारे में अभी फैसला नहीं लिया जा सकता क्योंकि मामला उच्च न्यायलय में विचाराधीन है एवं इन दो मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति आवश्यक है । 
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कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रयास एवं कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू के आह्वान पर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने अपनी हड़ताल देर शाम वापिस ले ली है। डा. संधू ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक कष्ट निवारण कमेटी गठित कर दी है जो कि शिक्षक संघ की मांगों को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए काम करेगी । शिक्षकों के पांच दिवसीय सप्ताह एवं यूनिवर्सिटी कालेज में प्रोफेसर पद की मांगों को कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की 29 नवम्बर को होने वाली बैठक में रखा जाएगा। डा. संधू ने धरना स्थल पर जाकर शिक्षकों से बातचीत की एवं आह्वान किया कि हडताल के कारण छात्रों की पढ़ाई में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई वह सब अतिरिक्त कक्षाएं लेकर पूरी करें । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. सुरेन्द्र देशवाल भी उपस्थित थे। 

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पिछले लम्बे समय से एक ही कुर्सी पर जमे रहे कुलपति कार्यालय के आेएसडी के तबादले की कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संद्य ने अपनी पहली मांग रखी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति कार्यालय में ओएसडी बत्रा इस पद पर पिछले 10 सालों से थे। शिक्षक संद्य ने उनके तबादले की कई बार मांग रखी थी।


 

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