सोमवार, 28 नवंबर 2011

हजारों टन आलू कोल्ड स्टोर मालिकों ने सड्कों पर फेंक डिया आलू की मांग भी पूरे विश्व मे होती है आलू को कोल्ड स्टोर के बाहर ही कूड़े मे फेंक रहा है किसानों का कहना है की सरकार ने आलू के निर्यात पर पाबन्दी लगा रखी है जिससे आलू की ये दुर्गति हुई है





ASHOK YADAV KURUKSHETRA

आलू एक ऐसी सब्जी है जिसका प्रयोग पूरी विश्व मे होता है सब्जियों का राजा है आलू , इसलिए  आलू की मांग भी पूरे विश्व मे होती है लेकिन कुरुक्षेत्र जिले मे हजारों टन आलू कोल्ड स्टोर मालिकों ने सड्कों पर फेंक डिया है ये आलू किसानों और व्यापारियों द्वारा पिछ्ले ६ महीनों से  कोल्ड स्टोर मे इस लिए रखा गया था ताकि  कीमते  बढ्ने पर वो अपना आलू बेच देंगे लेकिन आलू की नई फसल आ गई ओर इस समय कुरुक्षेत्र के पुराने आलू की कीमत है ७० पैसे प्रति  किलो जबकी कोल्ड स्टोर का भाडा और लेबर बनती है करीब १ रुपया प्रति  किलो ,इसके इलावा  किसानों की मेहनत , लागत सब अलग आलम ये है की किसान अपने आलू को कोल्ड स्टोर के बाहर ही कूड़े मे फेंक रहा है किसानों का कहना है की सरकार ने आलू के निर्यात पर पाबन्दी लगा रखी है जिससे आलू की ये दुर्गति हुई  है , 
 आमदनी अठ्नी खर्चा रुपया , कुछ इसी तरह से हो रहा है हरियाणा में किसानो के साथ ओर आलू व्यापारियों के साथ , हजारो  किवंटल आलू कोल्ड स्टोरों के बहार फेका जा रहा है , जिस आलू को सब्जी के रूप में आप  की रसोई में होना चाहिए  था , वही अब सड़ रहा है किसान ओर आलू व्यापारी उससे अपने पास रखना नहीं चाहते कारण साफ है एक बोरी ( ५० किलो ) आलू की स्टोर में रखने का करीब ८०  -८५ रूपये किराया  देना पड़ता है ,कोल्ड स्टोर में  रखा इसलिए जाता है ताकि समय आने पर सही भाव मिल जाये ओर इतने दिन आलू सुरक्षित रहे , लेकिन आलू  का बाजार भाव इस समय   एक बोरी का ( ५० किलो ) करीब ५० रूपये  उपर से करीब २० रूपये बोरी के हिसाब से लेबर भी देनी पड़ती है अगर उसे मण्डी में उठा कर बेचा जाये , ऐसे में जिन किसानो ने ओर जिन आलू व्यापारियों ने अपना आलू कोल्ड स्टोरों में रखा हुआ था ओर उसे बहार फेकना बेहतर समझ रहे है , 

किसानो को ओर आलू व्यापारियों को उमीद थी की आलू का एक्सपोर्ट होगा ओर उनके आलू की मांग बढ़ेगी लेकिन उनके सपनो पर पानी फिर गया  ओर सब्जियों का राजा आलू सडक पर आ गया , व्यापारी ओर किसान  तो इसके लिए सरकार की नीतियों को जिमेवार  मान रहे है , अक्सर खुर्खियो में रहता है सब्जियों के भाव आसमान पर हफ्ता भर में सब्जियों के दाम दुगने  हुए , लेकिन आज आलू की दुर्गति सबके सामने है , हर सब्जी  का साथ देने वाले  आलू का आज कोई साथ नहीं दे रहा है उसे अपने पास  रखना महगा पड़ रहा है किसानो को व्यापारियों को  , स्टोर के बहार हजारो किवंटल आलू सड़ रहा है जिसका कोई वारिस नहीं है , 

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