सोमवार, 28 नवंबर 2011

ब्रहमसरोवर तट पर स्थित जयराम आश्रम के अंदर अब आपको माता वैष्णो देवी, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन होगें ---गुफा में पुजारी भी पूजा करते हुए नजर आएंगे व सुबह-शाम को आरती का विशेष प्रबन्ध होगा श्रद्वालु अपनी इच्छा के अनुसार कभी भी जयराम आश्रम में आकर चारों धाम का नजारा ले सकता है।


 अशोक यादव

कुरुक्षेत्र 28 नवम्बर







ब्रहमसरोवर तट पर स्थित जयराम आश्रम के अंदर अब आपको माता वैष्णो देवी, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन होगें। इसके लिए श्रद्वालुओं को अभी दो दिन का इंतजार करना होगा।
श्रीजयराम संस्थाओं के संचालक एवं उत्तरांचल संस्कृत यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति ब्रह्स्वस्वरुप ब्रह्मचारी ने जयराम आश्रम में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जयराम आश्रम के भूमिगत हिस्से में मां वैष्णो देवी की गुफा तैयार की गई है जिसमें अर्धकुंवारी दर्शन, सात देवियां, मां भगगवती की तीन पिंडियां और भौरव मंदिर के दर्शन होगें। इसी गुफा के अंदर कैलाशपति शिव के दर्शन भी होगें जो पूरी तरह बर्फ से ढका होगा और बर्फ गिरने के दृश्य भी  दिखाई देगें। उन्होंने बताया कि यहां पर मां वैष्णो देवी के दर्शन के साथ-साथ चारों धाम के दर्शन भी होगें जिसे उड़ीसा के कलाकार अंतिम रुप देने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन खुलने के लिए श्रद्वालुओं को इंतजार नहीं करना होगा क्योंकि बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट अधिक ठंड पडऩे के बंद कर दिए जाते है मगर यहां पर ऐसा नहीं होगा श्रद्वालु अपनी इच्छा के अनुसार कभी भी जयराम आश्रम में आकर चारों धाम का नजारा ले सकता है।


श्रीजयराम संस्थाओं के संचालक एवं उत्तरांचल संस्कृत यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति ब्रह्स्वस्वरुप ब्रह्मचारी ने ने बताया कि मां वैष्णो देवी की गुफा में मां की पिंडी के लिए एक विशेष जोत जो जम्मू कश्मीर  से माता के दरबार से विशाल जोत जलाकर लाई जाएगी इसके लिए विशेष प्रबन्धक किए जा रहे है। जिसका स्वागत भी बंैड बाजों के साथ किया जाएगा और उस जोत को मां वैष्णो देवी की गुफा में रखा जाएगा। गुफा में पुजारी भी पूजा करते हुए नजर आएंगे व सुबह-शाम को आरती का विशेष प्रबन्ध होगा। उन्होंने बताया कि मां वैष्णो देवी की गुफा में इस गुफा में अभी तक 50 लाख रुपए खर्च किए जा चुके है जिसके अंदन रंग बिरंगी लाईटें भी आकर्षक का केन्द्र होगी। देश -विदेश से आने वाले श्रद्वालुओं के लिए गीता जयंती में यह एक विशेष तोहफा होगा।

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