सोमवार, 21 नवंबर 2011

विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न होने के लिए शिक्षक संघ से धरने का समाप्त करने की अपील करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू आज स्वयं धरना स्थल पर गए

Ashok Yadav
कुरूक्षेत्र,  नवम्बर  कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की मांगों पर विचार एवं विद्यार्थियों की भलाई को देखते हुए सत्र के अंतिम दिनों में विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न होने के लिए शिक्षक संघ से धरने का समाप्त करने की अपील करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू आज स्वयं धरना स्थल पर गए तथा धरने को समाप्त करने की अपील करते हुए अध्यापकों को बताया कि उनकी अधिकतर मांगें स्वीकृत कर ली गई हैं जबकि कुछ मांगे लागू होने के पथ पर है तथा अन्य को भी जल्द लागू कर दिया जाएगा।
           कुलपति ने पत्रकारों को बताया कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कार्यकारिणी द्वारा अध्यापकों के लिए छटे वेतन आयोग के दिशानिर्देशों सिफारिशों को पास कर दिया गया है।  इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत एम.फिल, पीएच.डी. वेतनवृद्धि, स्टेज वन एजीपी 6000 से स्टेज टू एजीपी 7000 से स्टेज 3 एजीपी 8000 एवं इन स्टेजों पर अग्रिम वेतनवृद्धि, सभी रीडर एव सलैक्श्न गे्रड लैक्चरर को एसोसिएट प्रोफेसर का पद देना, एवं एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर सीएएस के अन्तर्गत पदोन्नति देने की मांग पहले से ही लागू कर दी गई है और कुछ केसों में छटे वेतन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार लागू की जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा 10 प्रतिशत सीनियर प्रोफेसरस को 12000 के एजीपी की मांग तथा 1 जनवरी 2009 के पश्चात लगे अध्यापकों के प्रोबेशन पीरियड को एक साल करने की मांग को भी मान लिया गया है। प्राध्यापकों को पिछली सर्विस का लाभ देने की मांग पर भी यूजीसी नियमों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। एसिसटेंट प्रोफेसर के 40 नए पदों को विज्ञापित किया जा चुका है और इनकी चयन प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। पुरानी गाइड लाईन के अनुसार जिन रीडर को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया जाना है, उनकी प्रक्रिया दिसम्बर,जनवरी माह तक पूरी कर ली जाएगी। नई गाइड लाइन के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति का कार्य दो सप्ताह के भीतर प्रारम्भ कर दिया जाएगा, कुलपति ने विश्वास दिलाया।
         शिक्षक संघ के अनुरोध पर कुलपति ने स्थापना शाखा को निर्देश दिए कि सभी पदोन्नति, अग्रिम वेतनवृद्धि एवं पिछली सर्विस का लाभ देने बारे में एक-एक केस तैयार करके एवं कूटा के प्रतिनिधियों विचार विमर्श करके उनकी संतुष्टी के पश्चात सभी केस तैयार करके लागू कर दिए जायेगें।   यूनिवर्सिटी कालेज, यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजूकेशन एवं दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों को पीएच.डी करवाने हेतू पांच वर्ष का पोस्ट गे्रजूएट टीचिंग के अनुभव में छूट दिए जाने बारे कल एक मीटिंग आयोजित की गई है। यूनिवर्सिटी कालेज में चल रहे पंचवर्षीय इंटग्रेटिड कोर्स में बोर्ड आफ स्टडीज स्थापित करने बारे भी एक कमेटी गठित की गई है। तुरन्त प्रभाव से इन कोर्सो के दो-दो अध्यापकों को विभागों की बोर्ड आफ स्टडीज में मनोनीत किया गया है।
        विश्वविद्यालय में अध्यापकों के लिए पांच दिवसीय सप्ताह लागू करने के बारे में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक मीटिंग आगामी 28 नवम्बर को रखी गई है।   यूनिवर्सिटी कालेज, यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजूकेशन एवं दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों को विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में स्थान देने बारे विश्वविद्यालय की सोच सकारात्मक है और इसके लिए भी एक कमेटी तुरन्त प्रभाव से गठित कर दी गई है।
        यूनिवर्सिटी कालेज, यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजूकेशन एवं दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों को एसिसटेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति पहले ही दी जा चुकी है। यूनिवर्सिटी कालेज में प्रोफेसर का पद एवं उसे विभाग का दर्जा दिए जाने के बारे में अभी फैसला नहीं लिया जा सकता क्योंकि मामला उच्च न्यायलय में विचाराधीन है एवं इन दो मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति आवश्यक है।
          सैल्फ फाइनेंस स्कीम के अन्तर्गत लगे अध्यापकों को छटे वेतन आयोग के अनुसार वेतन मान के लाभ एवं पदोन्नति देने के बारे में एक कमेटी गठित की गई है जिसमें कूटा एवं सैल्फ फाइनेंस अध्यापकों के प्रतिनिधियों को रखा गया है। इस कमेटी की पहली मीटिंग आज शाम 5 बजे रखी गई।
       विश्वविद्यालय प्रशासन के सकारात्मक रवैये एवं अध्यापकों की सारी मांगों की पूर्ति के चलते विश्वविद्यालय के कुलपति लै. जनरल डा. डीडीएस संधू ने सभी अध्यापकों से आह्वान किया है कि वे जल्द ही अपने कार्य पर लौट आयें ताकि विद्यार्थियों को पढाई का नुकसान न हो। 
      

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