शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

शिक्षा इसलिए जरूरी है कि पढ़-लिख कर हम एक नया संसार बना सकते हैं शिक्षा जादू है,अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया क्योंकि पढऩे-लिखने के बाद हर इंसान का एक नया जन्म होता है ..


Ashok Yadav

कुरुक्षेत्र 11 नव बर -       मेरे पास एक जादू है, जिससे बहुत बड़े काम आसानी से किए जा सकते हैं। इस जादू का नाम है, शिक्षा। शिक्षा सिर्फ इसलिए ही जरूरी नहीं है कि पढ़-लिख जाने के बाद नौकरी मिल जाए या समाज में आदर स मान मिल जाए। शिक्षा इसलिए जरूरी है कि पढ़-लिख कर हम एक नया संसार बना सकते हैं। शिक्षा जादू है, क्योंकि पढऩे-लिखने के बाद हर इंसान का एक नया जन्म होता है।
                   प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का यह संदेश आज अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने राजकीय उच्च विद्यालय पिपली में शिक्षा दिवस पर आयोजित समारोह में उपस्थित बच्चों को दिया। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में बताया कि शिक्षा हासिल करने के बाद उनका भी एक नया जन्म हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई एक ऐसे गांव में हुई, जहां बिजली नहीं थी। मिट्टी के तेल से जलने वाली ढिबरी की रोशनी में स्कूली पढ़ाई की। मीलों पैदल चलकर मैं स्कूल पंहुचता था। मैने अपनी तरफ से खूब मेहनत की और भारत देश ने मुझे इस मेहनत का हमेशा बड़ा मीठा फल दिया। जीवन के सफर में मैं जहां भी पंहुचा, सिर्फ अपनी पढ़ाई के कारण ही पंहुच पाया। इसलिए मैं सभी बच्चों से कहता हूं कि वे शिक्षा रूपी जादू का सहारा लेकर अपनी मंजिल पाएं।
                   स्कूली बच्चों को दिए अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में बिना भेदभाव के प्राथमिक शिक्षा सभी बच्चों का बुनियादी हक है। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस 11 नव बर को शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हुए हम इस दिन से पूरे देश में शिक्षा का हक अभियान शुरू करने जा रहे हैं। महात्मा गांधी जी ने भी कहा था कि किसी भी प्रकार की शिक्षा के लिए स्वस्थ जिज्ञासा और सवाल पूछते रहना परम आवश्यक है। अत: आप खूब सवाल पूछिए, खूब जवाब मांगिए और मन लगाकर पढ़ाई कीजिए। इस तरह आप सभी को आगे बढऩे के अवसर मिलते जाएंगे।
                   अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें इस ऐतिहासिक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जी का संदेश बच्चों को सुनाने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि आज सभी 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को मु त शिक्षा का अधिकार प्राप्त है। बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें अध्यापक शिक्षा रूपी भ_ी में तपाकर उसका सृजन करते हैं। उन्होंने सभी बच्चों का आहवान किया कि वे स्कूली जीवन में खूब मन लगाकर पढ़ाई करें तथा शिक्षा ग्रहण कर अच्छे इंसान के रूप में समाज व देश निर्माण में अपना अहम योगदान दें। उन्होंने स्कूल के अध्यापकों, ग्रामवासियों, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों व विद्यार्थियों को शपथ दिलाई कि वे पिपली गांव के 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ हम होंगे कामयाब एक दिन गीत भी गाया। स्कूली बच्चों ने योग व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मु याध्यापक श्यामसुंदर, सरपंच विजेंद्र तलवार तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य भी मौजूद थे।


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