शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

ग्रीन अर्थ संस्था द्वारा मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर में एक संगोष्ठी का आयोजन


जाने माने पर्यावरणविद् एम सी मैहता ने अपने स बोधन में कहा कि आज पूरे विश्व में प्राकृतिक आपदाओं का मूल कारण प्रदुषित वातावरण है। पवित्र गंगा नदी हमारी राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक धरोहर है लेकिन आज उस पर भी हमला हो रहा है। बहुत सी गन्दगी उसमें ड़ाली जा रही है। उद्यौगिक ईकाइयों का कैमिकलयुक्त व्यर्थ पानी गंगा नदी में ड़ाला जा रहा है। उन्होंने रहस्योद्घाटन करते हुए बताया कि कुछ फैक्ट्री मालिकों ने तो अपनी फैक्ट्रियों में बोरवैल किये हुए हैं, जिनके माध्यम से कैमिकलयुक्त पानी भूजल में मिलाकर जहर घोल रहे हैं। सरकार ने भले ही अनेक कानून इस बारे में बनाये हों पर उनका पालन नहीं किया जा रहा है। जब तक इस दिशा में जनता में चेतना पैदा नहीं होगी तब तक वातावरण को स्वच्छ बनाना स भव नहीं है। हमें जनता को जगाना होगा और एक जनआन्दोलन के माध्यम से अपने प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित एवं स्वच्छ बनाना होगा। इस संगोष्ठी में मु य रूप से गंगा बचाओ, पर्यापरण शिक्षा, पर्यावरण -प्रदूषण, वन्य प्राणी संरक्षण पर्यावरण संबधी सरकारी नीतियों व अधिनियमों का अनुपालन व पर्यावरण जागरूकता विषयों पर गहन मंथन किया गया।

 गौरतलब है कि बहुमु ाी प्रतिभा के धनी एम सी मैहता जी रमन मेगसेसे अवार्ड, नोबेल पुरस्कार के समकक्ष गोल्डमैन पुस्कार,यूएईपी-500 पुरस्कारों से स मानित एक एेसे व्यक्ति हैं जिन्हें वन मैन एनवाइरो बिग्रेड के नाम से जाना जाता है। जिन्होंने अरावली ानन पर रोक, पर्यावरण शिक्षा, सीएनजी बसों की शुरूआत, ईट भट्टों का केस, मथुरा रिफाइनरी केस, ताजमहल केस, औद्योगिक ईकाईयों को दिल्ली से बाहर स्थापित करवाना इत्यादि मुद्दों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से व्यापक स्तर पर लागू करवाया है।

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