शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा २२ अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में बेंगलुरु के सेंट्रल जेल भेज दिया

बेंगलुरु. लोकायुक्त कोर्ट ने सरकारी जमीन से जुड़ी अनियमितता के मामले में येदियुरप्पा की जमानत अर्जी खारिज की है। कोर्ट ने येदियुरप्पा की कैबिनेट में शामिल रहे एस.एन. कृष्णैया शेट्टी को भी जमानत देने से इनकार करते हुए गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। लेकिन इस मामले में आरोपी 14 अन्य आरोपियों को राहत देते हुए जमानत दे दी है। इसमें येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. राघवेंद्र, बी.वाई. विजयेंद्र और उनके दामाद सोहन कुमार शामिल हैं। येदियुरप्पा पर बेंगलुरु और उसके आसपास सरकारी ज़मीन को अपने परिवार और शेट्टी के आर्थिक फायदे के लिए डीनोटिफाई करने का आरोप है। लोकायुक्त कोर्ट के जज एनके सुधींद्र राव ने जमानत पर रिहा हो रहे लोगों से पांच लाख का मुचलका देने, सुबूतों से छेड़छाड़ न करने और देश छोड़कर न जाने को कहा है। येदियुरप्पा और उनके साथ 15 अन्य लोगों के खिलाफ ज़मीन से जुड़ी गड़बड़ी करने का आरोप एडवोकेट सिराजिन बाशा ने लगाया है। 
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने लोकायुक्त कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद शनिवार शाम को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें २२ अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में बेंगलुरु के सेंट्रल जेल भेज दिया है, जहां उन्हें ९११८ नंबर दिया गया है।
इससे पहले लोकायुक्त कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ वॉरंट जारी करते हुए शाम चार बजे तक गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। लेकिन येदियुरप्पा के रेस कोर्स रोड पर मौजूद घर पहुंची लोकायुक्त पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस ने शहर में मौजूद उनके दूसरे घर पर भी उनकी तलाश की, लेकिन वह उस घर पर भी नहीं मिले। इस बीच, येदियुरप्पा के वकील का कहना है कि वह जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

  

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