ASHOK YADAV KURUKSHETRA राज्यसभा सदस्य व रेलवे बोर्ड की स्टैंडिग कमेटी के सदस्य चौ. ईश्वर सिंहने कहा कि प्रदेश कांगे्रस कमेटी के प्रधान फूल चंन्द मुलाना को तुरंत प्रभाव से हटा देना चाहिए उन्हीं के कारण कांग्रेस पार्टी का ग्राफ गिरता जा रहा है। अगर मुलाना को तुरंत प्र्रभाव से नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को और अधिक गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सांसद ईश्वर सिंह ने अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी की हार जीत की नैतिकता जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर होती है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष फूल चन्द मुलाना की जिम्मेदारी बनती थी किपार्टी के संगठन को मजबूत करे मगर हरियाणा में संगठन नाम की कोई चीज ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सदा से ही दलित वर्ग कांग्रेस का वोटर रहा है आज उस वर्ग की भी कांग्रेस से दूरियां इसलिए बढी है क्योंकि हम उनको गले लगाने में असफल रहे हैं। जब से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी फूलचन्द मुलाना को दी गई है तब से न तो प्रदेश में कोई दलित सम्मेलन हुआ है और न हीं कोई नीति एेसी बनायी गई जिससे यह वर्ग पार्टी के साथ खड़ा रहे। उन्होंने कहा कि मुलाना अपना स्वयं का चुनाव ही नहीं जीत पाए बाकि औरों को तो क्या जिताएंगे। उन्हेें तो उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था जिस दिन उन्होंने अपनी सीट को खो दिया था। उन्होने कहा कि आज हिसार लोकसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस पाटी के उम्मीदवार की जमानत नहीं बच पाई है। तब भी उन्होंने अपना इस्तीफा नहीं दिया है। उन्हें तो अपना इस्तीफा तुरंन्त दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम हाईकमान को तुरन्त इस बात से आगाह कराएंगे कि इसे तुरन्त बदला जाए और योग्य उम्मीदवार को प्रदेश कांंग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली, उत्तप्रदेश, हिमाचल प्रदेश के राज्यों में कोई दलित नेता प्रदेश स्तर को होगा तो उस पर असर जरूर होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का समाधान संगठन है हम संगठन को मजबूत करने में बहुत पीछे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस कमेटी उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो दलित वर्ग को जो पार्टी के प्रति रूझान है वह उसे छ: महीने में बदल देगें। उन्होंने कहा कि अगर रूझान को नहीं बदल सका तो अपने दोनों पदों से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने आज चंडीगढ में हिसार लोकसभा उप चुनाव में हार की समीक्षा को लेकर एक बैठक बुलाई है मगर उन्हें कोई न्यौता नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि संगठन हमेशा व्यक्ति से बड़ा होता है। व्यक्ति विशेष की पूजा से संगठन कभी तरक्की नहीं किया करता। संगठन को बढाने के लिए समर्पित भाव का होना जरुरी है। अहं को खत्म करना पड़ता है। अन्यथा अहं व्यक्ति को तो पतन की ओर ले जाता ही है साथ ही संगठन व पार्टी का भी भ_ा बैठा देता है। हाई कमान को चाहिए कि हालातों की समीक्षा करें समीक्षा के नाम पर लीपा पोती होती रही तो जनता बदलाव लाने में देर नहीं करेगी।
सांसद ईश्वर सिंह ने अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी की हार जीत की नैतिकता जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर होती है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष फूल चन्द मुलाना की जिम्मेदारी बनती थी किपार्टी के संगठन को मजबूत करे मगर हरियाणा में संगठन नाम की कोई चीज ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सदा से ही दलित वर्ग कांग्रेस का वोटर रहा है आज उस वर्ग की भी कांग्रेस से दूरियां इसलिए बढी है क्योंकि हम उनको गले लगाने में असफल रहे हैं। जब से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी फूलचन्द मुलाना को दी गई है तब से न तो प्रदेश में कोई दलित सम्मेलन हुआ है और न हीं कोई नीति एेसी बनायी गई जिससे यह वर्ग पार्टी के साथ खड़ा रहे। उन्होंने कहा कि मुलाना अपना स्वयं का चुनाव ही नहीं जीत पाए बाकि औरों को तो क्या जिताएंगे। उन्हेें तो उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था जिस दिन उन्होंने अपनी सीट को खो दिया था। उन्होने कहा कि आज हिसार लोकसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस पाटी के उम्मीदवार की जमानत नहीं बच पाई है। तब भी उन्होंने अपना इस्तीफा नहीं दिया है। उन्हें तो अपना इस्तीफा तुरंन्त दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम हाईकमान को तुरन्त इस बात से आगाह कराएंगे कि इसे तुरन्त बदला जाए और योग्य उम्मीदवार को प्रदेश कांंग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली, उत्तप्रदेश, हिमाचल प्रदेश के राज्यों में कोई दलित नेता प्रदेश स्तर को होगा तो उस पर असर जरूर होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का समाधान संगठन है हम संगठन को मजबूत करने में बहुत पीछे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस कमेटी उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो दलित वर्ग को जो पार्टी के प्रति रूझान है वह उसे छ: महीने में बदल देगें। उन्होंने कहा कि अगर रूझान को नहीं बदल सका तो अपने दोनों पदों से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने आज चंडीगढ में हिसार लोकसभा उप चुनाव में हार की समीक्षा को लेकर एक बैठक बुलाई है मगर उन्हें कोई न्यौता नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि संगठन हमेशा व्यक्ति से बड़ा होता है। व्यक्ति विशेष की पूजा से संगठन कभी तरक्की नहीं किया करता। संगठन को बढाने के लिए समर्पित भाव का होना जरुरी है। अहं को खत्म करना पड़ता है। अन्यथा अहं व्यक्ति को तो पतन की ओर ले जाता ही है साथ ही संगठन व पार्टी का भी भ_ा बैठा देता है। हाई कमान को चाहिए कि हालातों की समीक्षा करें समीक्षा के नाम पर लीपा पोती होती रही तो जनता बदलाव लाने में देर नहीं करेगी।
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