ASHOK YADAV
पुलिस की लापरवाही से हुआ हादसा, लाखों रूपए भी गए और बच्चा भी गया, बच सकती थी मुकुल जी जान।
सदैव सेवा सुरक्षा सहयोग का नारा देने वाली हरियाणा प्रदेश की पुलिस कितनी लापरवाह है इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला जगाधरी निवासी मुकुल धीमान पुत्र सतपाल धीमान के साथ। गौरतलब है कि जब 12 वर्षीय मुकुल धीमान दशहरा देखने के लिए अपने घर से गया तथा शाम के समय अपने घर नहीं पहुंचा और उसके परिजनों ने उसके अगले दिन पुलिस को बताया कि हमारे लडक़ा गायब है मगर जगाधरी पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं करा हरियाणाा पुलिस ने मुकुल को ढूढने की भी कोशिश नहीं की और 9 अक्तूबर अपहरणकर्ताओं ने मुकुल के मोबाइल फोन से उनके परिजनों को फोन करके कहा कि अगर मुकुल को सकुशल चाहते हो तो तुरन्त 50 लाख रूपए भेज दे और सारा सौदा 11 लाख रूपए पर तय हो गया। परिजनों ने पुलिस के कहने पर 11 लाख रूपए भी दे दिए। मगर उनका लाडला बेटा नहीं मिला और पुलिस कहती रही कि तुम लोग अपहरणकर्ताओं को 11 लाख रूपए दे दें। पुलिस बाद में 11 लाख रूपए बरामद कर लेगी। मगर 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और मुकुल धीमान का शव भाखड़ा नहर से मिल गया। डेढ़ वर्ष पहले ही मुकुल के पिता सतीश धीमान की मौत हो गई थी। सतीश जगाधरी में आरा मशीन चलाते थे। उनकी मौत के बाद सारी जिम्मेवारी परिवार के अन्य लोग उठा रहे थे। मुकुल की मां दया रानी ने पूरी मेहनत से दोनों बेटों को पढ़ा रही थी लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था कि दशहरे के दिन मुकुल का दरिंदों ने अपहरण कर लिया। मुकुल पढ़ाई में काफी होशियार था। दयाल पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र था। वह स्कूल से आने के बाद घर पर रह कर ही पढ़ाई के साथ घर के काम में मां का हाथ बंटाता था।
गौरतलब है कि इससे पहले कुरूक्षेत्र की स्वीटी अपहरण मामले में भी कुरूक्षेत्र की पुलिस की भूमिका पर कई सवाई उठे थे और पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी जब स्वीटी का अपहरण हुआ तो उस समय भी पुलिस अपनी गहरी नींद में सोई हुई थी और पुलिस का जवाब था कि स्वीटी अपनी किसी सहेली के घर चली गई होगी सुबह तक लौट आएगी मगर अपहरण के अगले दिन उसका शव करनाल जिला के इंन्द्री के पास से नग्न अवस्था में बरामद हुआ था। इससे साफ जाहिर होता हैऔर पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान भी उठते हैं कि अगर कोई बड़े अधिकारी का बेटा गायब हो जाए तो पुलिस विभाग के आला अधिकारी उसकी तुरंत तलाश कर लेते हैं।
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मुकुल का अपहरण करने वाले लोगों का उसके परिवार से काफी गहरा रिश्ता रहा है। जिस दिन मुकुल दशहरे का मेला देखने के लिए गया था वह उस समय अपहरणकर्ता के साथ ही गया था। इस अपहरण कांड का मास्टर माइंड एक रिटायर पुलिसकर्मी का बेटा है। वहीं, मुकुल की फैक्टरी के चौकीदार को भी इस अपहरण कांड में में शामिल किया गया। मुकुल के अपहरण की सारी साजिश रमेश नाम के व्यक्ति द्वारा रची गई। रमेश जगाधरी के एक रिटायर पुलिसकर्मी एएसआई का बेटा है। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफतार भी कर लिया है।
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